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Feb 08 2024, 10:50

सरकार आज ला सकती है “श्वेत पत्र”, जानें लोकसभा चुनाव से पहले क्या है बीजेपी की रणनीति?

#modigovernmentmaybringwhitepaperinparliamenttoday

लोकसभा चुनाव से पहले संसद में बजट सत्र चल रहा है। आम चुनाव से पहले यह संसद का आखिरी सत्र है। ऐसे में लोकसभा चुनाव से ठीक पहले मोदी सरकार ने कांग्रेस को कठघरे में खड़ा करने के लिए बड़ा दांव चला है। आज यानी गुरुवार को लोकसभा में यूपीए सरकार के 10 साल के कार्यकाल पर एनडीए की मोदी सरकार श्वेत पत्र पेश कर सकती है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अंतरिम बजट में इस श्वेत पत्र का जिक्र किया था।हालांकि, मोदी सरकार के श्वेत पत्र के जवाब में कांग्रेस भी मोदी सरकार के 10 सालों के कार्यकाल पर ब्लैक पेपर लाने की तैयारी में है।

क्या होता है श्वेत पत्र

श्वेत पत्र एक अनौपचारिक रिपोर्ट होती है, जिसमें किसी विषय के बारे में ज्ञात जानकारी या एक सर्वेक्षण/अध्ययन के परिणाम का सारांश होता है। श्वेत पत्र किसी भी विषय के बारे में हो सकता है, लेकिन यह हमेशा चीजों के काम करने के तरीकों को बेहतर बनाने के सुझाव देता है। यह आमतौर पर सरकार द्वारा अनुवर्ती कार्रवाई या कम से कम एक निष्कर्ष के लिए प्रकाशित किया जाता है। श्वेत पत्रों का उपयोग सरकारी नीतियों और कानून को प्रस्तुत करने और जनता की राय का आकलन करने के लिए किया जाता है।

श्वेत पत्र अर्थव्यवस्था पर होगा

केन्द्र सरकार की तरफ से यह श्वेत पत्र अर्थव्यवस्था पर होगा। इस श्वेत पत्र में मोदी सरकार के केंद्र की सत्ता में आने से यानी 2014 से पहले और उसके बाद भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति की तुलना की जाएगी।वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को वर्ष 2024-25 का अंतरिम बजट पेश करते हुए इस कुप्रबंधन पर श्वेत पत्र लाने की जानकारी दी थी। सीतारमण ने कहा था, ‘सरकार अर्थव्‍यवस्‍था के बारे में सदन के पटल पर श्‍वेत पत्र पेश करेगी, ताकि ये पता चल सके कि वर्ष 2014 तक हम कहां थे और अब कहां हैं। इस श्‍वेत पत्र का मकसद उन वर्षों के कुप्रबंधन से सबक सीखना है।’ वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि वर्ष 2014 में देश की बागडोर संभालने के बाद सरकार संकटों से निपटने में सफल रही और अब अर्थव्यवस्था सर्वांगीण विकास के साथ उच्च वृद्धि की राह पर अग्रसर है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में पहली बार सरकार 2014 में ही बनी थी। उसके पहले लगातार 10 वर्षों यानी 2004-14 तक मनमोहन सिंह की अगुवाई वाली यूपीए सरकार रही थी।

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Feb 08 2024, 10:09

पाकिस्तान में वोटिंग जारी, मतदान के बीच मोबाइल-इंटरनेट सेवाएं बंद, इमरान ने जेल में डाला वोट

#pakistanelections2024

पाकिस्तान में नेशनल असेंबली और चार प्रांतों के चुनाव के लिए वोटिंग की शुरुआत हो गई है। पाकिस्तान में आम चुनाव के लिए सुबह 8.30 बजे से वोटिंग शुरू हो गई है। लोग शाम 5 बजे तक अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर पाएंगे। पाकिस्तान में 12.85 करोड़ वोटर्स नई सरकार चुनेंगे। इस चुनाव में 5121 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इनमें से 4,806 पुरुष, 312 महिलाएं और दो ट्रांसजेंडर उम्मीदवार हैं। आम चुनाव के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। आम चुनाव के मद्देनजर देश के कई शहरों में मोबाइल-इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया है। साढ़े छह लाख सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है। देर रात नतीजे आने की भी संभावना जताई गई है।

पाकिस्तान में मोबाइल सेवाएं बंद

पाकिस्तान में मोबाइल सेवाएं को बंद कर दी गईं हैं। मुल्क के आंतरिक मंत्रालय ने बिगड़ती सुरक्षा स्थिति के मद्देनजर देशभर में मोबाइल सेवाओं को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है।

इमरान ने जेल में डाला वोट, बुशरा बीबी नहीं कर पाईं मतदान

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और अन्य राजनीतिक नेताओं ने आदियाला जेल में पोस्टल बैलेट के जरिए वोट डाला है। डॉन अखबार ने सूत्रों के जरिए इसकी जानकारी दी है। पोस्टल बैलेट के जरिए मतदान करने वाले नेताओं में पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी, पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी परवेज इलाही, अवामी मुस्लिम लीग के प्रमुख शेख राशिद और पूर्व सूचना मंत्री फवाद चौधरी शामिल हैं। हालांकि, बुशरा बीबी मतदान में भाग लेने में असमर्थ रही हैं, क्योंकि पोस्टल बैलेट प्रक्रिया पूरी होने के बाद उन्हें दोषी ठहराया गया और गिरफ्तार किया गया था।

पीटीआई के उम्मीदवार निर्दलीय के रूप से चुनाव लड़ रहे

इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के उम्मीदवार निर्दलीय के रूप से चुनाव लड़ रहे हैं, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने उनकी पार्टी को उसके चुनाव चिह्न क्रिकेट ‘बल्ला’ से वंचित करने संबंधी निर्वाचन आयोग के फैसले को बरकरार रखा है।।

कितनी सीटों पर डाले जा रहे वोट?

बता दें पाकिस्तान नेशनल असेंबली में कुल 336 सीटें हैं, जिनमें से केवल 266 सीटों पर ही वोटिंग होती है। बहुमत का आंकड़ा 169 है। 60 सीटें महिलाओं और 10 सीटें गैर-मुस्लिमों के लिए आरक्षित होती हैं। पंजाब प्रांत में सबसे ज्यादा 141 सीटें, सिंध में 61 सीटें, खैबर पख्तूनख्वा में 45 सीटें, बलूचिस्तान में 16 सीटें और इस्लामाबाद में तीन सीटें हैं।

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Feb 07 2024, 20:22

शरद पवार की पार्टी को मिला नया नाम,अब 'एनसीपी शरद चंद्र पवार' के नाम से जानी जाएगी

#sharad_pawars_party_will_now_be_named_ncp_sharad_chandra_pawar

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न छिन जाने के बाद शरद पवार गुट को 'एनसीपी शरदचंद्र पवार' के नाम से जाना जाएगा।चुनाव आयोग ने शरद पवार गुट को नया नाम दे दिया है।राज्यसभा की 6 सीटों पर चुनाव के मकसद से चुनाव आयोग ने शरद पवार गुट को यह नाम दिया है। यह फैसला ऐसे समय में आया है, जबकि आयोग ने मंगलवार को ही घोषणा की कि अजित पवार गुट ही असली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) है।अभी पार्टी के चुनाव चिन्ह पर फैसला होना बाकी है।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी एनसीपी पर अधिकार को लेकर चाचा शरद पवार और भतीजे अजित पवार के बीच जंग चल रही थी। चुनाव आयोग ने एक दिन पहले ही अजित पवार गुट को असली एनसीपी माना था। चुनाव आयोग ने अजीत पवार के गुट को 'असली' एनसीपी घोषित किया था। जिसके बाद शरद पवार एनसीपी गुट ने बुधवार को चुनाव आयोग को तीन नाम और सिंबल सौंपे। सूत्रों की मानें तो शरद गुट ने पार्टी के लिए बरगद का पेड़ चुनाव चिन्ह और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शरद पवार, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शरद चंद्र पवार और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शरदराव पवार तीन नाम के ऑप्शन दिए थे।

शरद पवार ने 1999 में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) को स्थापित किया था। उनके भतीजे एवं वरिष्ठ नेता अजित पवार के पार्टी के आठ विधायकों के साथ एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार में शामिल हो जाने के बाद पार्टी विभाजित हो गई। आयोग ने एक आदेश में अजित पवार के नेतृत्व वाले समूह को राकांपा का चुनाव चिह्न ‘घड़ी’ भी आवंटित कर दिया।

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Feb 07 2024, 19:22

उत्तराखंड विधानसभा में यूसीसी बिल पास, सीएम धामी ने कहा- रचा गया इतिहास

#uttarakhand_uniform_civil_code_bill_passed_in_assembly

उत्तराखंड विधानसभा में लंबी चर्चा के बाद बुधवार को यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) बिल पारित हो गया। मंगलवार को सीएम पुष्कर सिंह धामी ने यूसीसी बिल को पेश किया था और फिर इसपर चर्चा शुरू हुई। यूसीसी बिल पर दो दिन चर्चा होने के बाद आज इसे पारित कर दिया गया है। विधानसभा से पास होने के बाद यूसीसी बिल अब कानून बन गया है। अब इस बिल को राज्यपाल के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। बता दें कि यूसीसी लागू करने वाला उत्तराखंड पहला राज्य बना है।

सीएम पुष्कर धामी ने विधानसभा में समान नागरिक संविधान विधेयक पर कहा कि यह केवल उत्तराखंड ही नहीं, पूरे भारत के लिए मील का पत्थर साबित होगा।देवभूमि से निकलने वाली गंगा कहीं सिंचित करने और कहीं पीने का काम करती है। समान अधिकारों की गंगा सभी नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करेगी और उसे सुनिश्चित करने का काम करेगी।उन्होंने कहा कि हम अनेकता में एकता की बात कहते आ रहे हैं। सभी नागरिकों के लिए समान कानून की बात संविधान करता है। संविधान पंथनिरपेक्ष है। संविधान की जो विषमताएं हैं। उन्हेंदूर कर सामाजिक ढाचे को मजबूत करने का संविधान करता है।

धामी ने कहा कि हमें समान नागिरक संहिता की जरूरत है। जिस प्रकार से देश आगे बढ़ा है। वोट बैंक से ऊपर उठना होगा। मर्यादा पुरुषोत्तम राम हमारे आदर्श हैं। जिस समता के आदर्श श्रीराम थे। उसी तरह की समता की बात हम कह रहे हैं। उन्होंने कहा कि कल विधेयक पेश हुआ, तो बाबा साहेब के नारे लगे हैं। डॉ श्यामाप्रसाद मुखर्जी भी इसी समता के पक्षकार थे। उसी समता का उल्लेख का किया गया है।

धामी सरकार ने यूसीसी पर कानून पास करने के लिए विधानसभा का स्पेशल सेशन बुलाया था। यूसीसी में शादी, तलाक, विरासत, गोद लेने और अन्य मामलों से संबंधित सभी धार्मिक समुदायों के लिए समान कानून शामिल हैं। इस ड्राफ्ट को तैयार करने के लिए पांच सदस्यीय समिति का गठन किया गया था। रिटायर्ड जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई की अगुआई वाली पांच सदस्यीय समिति ने बीते शुक्रवार को ही अपनी रिपोर्ट सीएम पुष्कर सिंह धामी को सौंपी थी। इसी रिपोर्ट के आधार पर विधानसभा से पास होने के बाद यह कानून बन गया है।

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Feb 07 2024, 18:36

पाकिस्तान में चुनाव से एक दिन पहले दो धमाके, 25 लोगों की गई जान

#pakistan_two_blasts_24_hours_before_elections_25_people_killed

पाकिस्तान में गुरूवार यानी 8 फरवरी को आम चुनाव के लिए वोट डाले जाने हैं। चुनाव से एक दिन पहले बुधवार को अशांत बलूचिस्तान प्रांत में दो भीषण बम विस्फोट हुआ। इस दौरान 25 लोग मारे गए और 40 से ज्यादा घायल हो गए हैं। पहली घटना में, पिशिन जिले में निर्दलीय उम्मीदवार असफंदयार खान काकड़ के कार्यालय के बाहर एक भीषण विस्फोट में 17 लोगों की मौत हो गई और 30 अन्य घायल हो गए। एक घंटे से भी कम समय के बाद, किला अब्दुल्ला क्षेत्र में जमीयत उलेमा इस्लाम (जेयूआई) के चुनाव कार्यालय के बाहर एक और बम विस्फोट हुआ, जिसमें आठ लोगों की जान चली गई और 12 अन्य घायल हो गए।

बलूचिस्तान में ये बम विस्फोट पाकिस्तान में राष्ट्रीय असेंबली के साथ-साथ चार प्रांतीय विधानसभाओं के चुनाव के लिए मतदान होने से 24 घंटे से भी कम समय पहले हुए हैं। मृतकों के अलावा कई अन्य लोग भी घायल हुए हैं। जिनमें से कुछ लोगों की हालत गंभीर है। उनका खानोजई अस्पताल में इलाज चल रहा है। फिलहाल किसी ने भी इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है कि आखिर ये हमला किसने और क्यों करवाया।

बलूचिस्तान के केयरटेकर सूचना मंत्री जन अचकजई ने कहा- पहला धमाके की प्राइमरी इन्वेस्टिगेशन से पता चला है कि विस्फोटक सामान एक बाइक में रखा था। इस मामले की जांच की जा रही है। वहीं, दूसरे धमाके की वजह सामने नहीं आई है।

इधर, बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री अली मर्दान खान डोमकी ने हमलों की निंदा की है। उन्होंने कहा- ऐसी घटनाएं शांतिपूर्ण चुनाव की प्रक्रिया को कमजोर करने की एक साजिश है। हमले में शामिल लोगों को कड़ी सजा दी जाएगा। हम घायलों की मदद के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं।

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Feb 07 2024, 16:30

राज्यसभा में पीएम मोदी का खरगे की “आजादी” पर तंज, बोले-ऐसा मौका फिर कहां मिलेगा

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राज्यसभा से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण पर धन्यवाद देते हुए कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी पर भी कटाक्ष किया। पीएम मोदी ने राहुल गांधी का नाम लिए बगैर राज्यसभा में जमकर तंज कसा और कहा कि लोकसभा में आजकल मनोरंजन कम मिलता है, क्योंकि वो किसी दूसरी ड्यूटी पर लगे हैं। वहीं मल्लिकार्जुन खड़गे को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि उन्हें काफी समय बात इतने लंबे वक्त तक बोलते देखकर अच्छा लगा। पीएम मोदी ने खड़गे के उस बयान पर भी चुटकी ली, जिसमें उन्होंने एनडीए के लिए 400 सीटों का जिक्र किया था। 

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, मैं (कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन) खरगे जी का विशेष आभार व्यक्त करना चाहता हूं। कुछ साथियों के लिए आलोचना करना, कड़वी बातें करना, ये उनकी मजबूरी थी। उनके प्रति भी मैं संवेदान प्रकट करता हूं। मैं उस दिन तो कह नहीं पाया, मगर मैं खड़गे जी का विशेष आभार प्रकट कर रहा हूं। मैं उस दिन बहुत ध्यान से सुन रहा था खड़गे जी को और ऐसा आया आनंद आया, ऐसा आनंद आया। ऐसा बहुत कम मिलता है। लोकसभा में तो कभी-कभी मिल जाता है, मगर आज कल वो दूसरी ड्यूटी पर हैं। मनोरजंन कम मिलता है।लेकिन लोकसभा में मनोरंजन की कमी जो खल रही है, उस दिन आपने पूरी कर दी।

पीएम मोदी ने कहा, मैं सोच रहा था कि इतना सारा बोलने की आजादी खरगे जी को मिली कैसे? फिर मुझे ध्यान आया कि जो दो स्पेशल कमांडर रहते हैं, वो नहीं थे। इसलिए स्वतंत्रता का भरपूर फायदा खरगे जी ने उठाया। मुझे लगता है कि उस दिन खरगे जी ने सिनेमा का वह गाना सुना होगा- ऐसा मौका फिर कहां मिलेगा? खरगे जी के भी कमांडो नहीं थे तो उन्हें चौके-छक्के मारने में मजा आ रहा था।

उन्होंने आगे कहा कि एक बात खुशी की रही खरगे ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को 400 सीटें पाने का आशीर्वाद दिया है। यह आशीर्वाद सिर आंखों पर है। वह चाहें तो अब इस आशीर्वाद को वापस ले सकते हैं।

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Feb 07 2024, 16:02

कांग्रेस पर पीएम मोदी का करारा प्रहारः बोले-जिसने देश की जमीन दुश्मनों के हवाले कर दी, आज हमें राष्ट्रीय सुरक्षा पर भाषण दे रहे हैं

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को राज्‍यसभा में राष्‍ट्रपति के अभिभाषण पर धन्‍यवाद प्रस्‍ताव पर चर्चा में भाग लिया।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को राज्‍यसभा में कांग्रेस पर करारे प्रहार किए। पीएम मोदी ने कहा कि आज भी मेरा मंत्र है देश के विकास के लिए राज्य का विकास। हम राज्यों के विकास से ही देश का विकास कर पाएंगे। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि राज्य अगर एक कदम चलता है तो हम दो कदम चलेंगे। मैंने तो हमेशा कहा कि हमारे राज्यों के बीच में सकारात्मक सोच के साथ चलने की जरूरत है।

पीएम मोदी ने कहा, एक राष्ट्र हमारे लिए सिर्फ जमीन का टुकड़ा नहीं बल्कि हम सबके लिए एक प्रेरणा देने वाली इकाई है। देश का कोई अंग विकास से वंचित रह जाएगा तो भारत विकसित नहीं हो पाएगा। पीएम मोदी ने कहा कि ये हम सबका दायित्व है कि देश विकास करे। हिन्दुस्तान के किसी भी जगह दर्द हो तो पीड़ा, सबको होनी चाहिए। लेकिन आज राजनीतिक स्वार्थ के लिए देश को तोड़ने वाली भाषाएं बोली जा रही हैं। जिस प्रकार के आज भाषा बोली जा रही है, राजनीतिक स्वार्थ के लिए नए नैरेटिव बनाए जा रहे हैं। इससे बड़ा देश का दुर्भाग्य क्या हो सकता है? देश को आगे बढ़ने दें उन्हें रोके नहीं।

पीएम मोदी ने कहा 'जिस कांग्रेस ने सत्ता के लालच में सरेआम लोकतंत्र का गला घोंट दिया था। जिस कांग्रेस ने दर्जनों बार लोकातांत्रिक तरीकों से चुनकर आई सरकारों को रातों रात भंग कर दिया। बर्खास्त कर दिया। जिस कांग्रेस ने देश के संविधान-लोकतंत्र की मर्यादाओं को जेल के पीछे बंद कर दिया था। जिस कांग्रेस ने अखबारों पर ताले लगाने की कोशिश की। जिस कांग्रेस ने देश को तोड़ने का नया नैरेटिव गढ़ने का काम किया है। जो उत्तर-दक्षिण को तोड़ने की बात कह रही है। वह हमें फेडरलिज्म पर प्रवचन दे रही है।

पीएम मोदी ने कहा, ये कांग्रेस हमें लोकतंत्र पर प्रवचन दे रही है। आप भाषा के नाम पर देश को बांटने की कोशिश कर रहे है। जिसने नॉर्थ ईस्ट को हमला, हिंसा में ढकेल दिया। जिसने नक्सलवाद के लिए देश के लिए चुनौती बनाकर छोड़ दिया। देश की जमीन दुश्मनों के हवाले कर दी। देश की सेना का आधुनिकीकरण रोक दिया। आज हमें राष्ट्रीय सुरक्षा पर भाषण दे रहे हैं।

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Feb 07 2024, 15:43

पीएम मोदी ने नेहरू को बताया आरक्षण विरोधी, बोले-बाबा साहेब नहीं होते तो शायद न मिल पाता एसटी-एससी को आरक्षण

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर राज्यसभा में अपनी बात रख रहे हैं। अपने संबोधन की शुरुआत में पीएम मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण की तारीफ की। वहीं, अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने एक बार फिर कांग्रेस पर हमला बोला। पीएम मोदी ने फिर एक बार पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के नाम लेकर कांग्रेस को निशाने पर लिया पीएम मोदी ने कहा कि नेहरू जो कहा वो कांग्रेस के लिए हमेशा से पत्थर की लकीर होता है। दिखावे के लिए आप कुछ भी कहें, लेकिन आपकी सोच ऐसे कई उदाहरणों से सिद्ध होती है।

पीएम मोदी ने कहा, नेहरू जी कहते थे कि अगर एससी/एसटी, ओबीसी को नौकरी में आरक्षण मिला तो सरकारी कामकाज का स्तर गिर जाएगा। आज जो ये आंकड़े गिनाते हैं, उसका मूल यहीं है। अगर उस समय सरकार में भर्ती हुई होती, तो वो प्रमोशन के बाद आगे बढ़ते और आज यहां पहुंचते।

कांग्रेस आरक्षण की जन्मजात विरोधी-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने जवाहरलाल नेहरू ने मुख्यमंत्रियों को लिखी चिट्ठी का जिक्र किया।पीएम ने कहा कि नेहरू ने उस चिट्ठी में लिखा कि 'मैं आरक्षण के खिलाफ हूं, खासकर नौकरियों में।मैं ऐसे किसी भी कदम के खिलाफ हूं जो अकुशलता को बढ़ावा दे, जो दोयम दर्जे की तरफ ले जाए। इसी के आधार पर मैं कहता हूं कि कांग्रेस आरक्षण की जन्मजात विरोधी है।

जाति के मामले पर कांग्रेस अपने गिरेबान में झांके-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने कहा जाति के मामले पर कांग्रेस अपने गिरेबान में झांके। दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों की कांग्रेस जन्मजात विरोधी है, अगर बाबा साहेब आंबेडकर नहीं होते तो पता नहीं एससी, एसटी को आरक्षण भी मिलता या नहीं। नेहरू जी ने जो कहा, वो कांग्रेस के लिए हमेशा से पत्थर की लकीर होता है। मैं अनगिनत उदाहरण दे सकता हूं और वो मैं जम्मू कश्मीर का देना चाहूंगा। नेहरू ने कश्मीर के एससी, ओबीसी और एसटी को सात दशकों तक उनके अधिकारों से वंचित रखेगा। हमने आर्टिकल 370 को निरस्त किया, तब जाकर इतने दशकों के बाद एसटी,एससी ओबीसी को वो अधिकार मिले, जिन्हें रोक कर रखा गया था। जम्मू कश्मीर में फोरेस्ट राइट एक्ट, प्रिवेंशन ऑफ एट्रोसिटी एक्ट नहीं था, ये हमने 70 हटाकर अधिकार दिए। हमारे एससी समुदाय में भी सबसे पीछे बाल्मिकी समाज रहा, लेकिन हमारे बाल्मिकी परिवारों को जम्मू कश्मीर में डोमिसाइल का अधिकार नहीं दिया गया। मैं आज देश को भी अवगत करना चाहता हूं कि स्थानीय निकायों में कल 6 फरवरी को विधेयक लोकसभा में बिल पारित हो गया।

कांग्रेस के नेता की अपनी कोई गारंटी नहीं-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा, जिस कांग्रेस ने ओबीसी को पूरी तरह आरक्षण नहीं दिया, जिसने सामान्य वर्ग के गरीबों को आरक्षण नहीं दिया, बाबा साहेब को भारत रत्न के लायक नहीं माना, अपने ही परिवार को भारत रत्न देते रहे, जिस कांग्रेस ने देश के चौक-चौराहों पर अपने ही नाम लिख दिए, जिस कांग्रेस के नेता की अपनी कोई गारंटी नहीं है, वे मोदी की गारंटी पर सवाल उठा रहे हैं।

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Feb 07 2024, 14:32

पेटीएम के बाद भारत पे की बढ़ी मुश्किलें, सरकार ने नोटिस भेजकर अशनीर ग्रोवर मामले में जानकारी मांगी

#afterpaytmashneergroverbharatpaygetscorporateministry_notice

ऑनलाइन पेमेंट और बैंकिंग ऐप पेटीएम के बाद भारत पे की मुश्किलें बढ़ती दिख रही है। भारत सरकार के कॉरपोरेट अफेयर्स मंत्रालय ने फिनटेक कंपनी भारतपे को नोटिस जारी किया है। यह नोटिस कंपनीज एक्ट की धारा 206 के तहत जारी किया गया है, जिसमें सरकार ने कंपनी से इसके संस्थापक रहे अशनीर ग्रोवर के खिलाफ की गई कानूनी कार्रवाई के बारे में जानकारी मांगी है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कॉरपोरेट मंत्रालय ने भारतपे को नोटिस जारी कर पूछा है कि अशनीर ग्रोवर के खिलाफ कोर्ट में दाखिल किए आपराधिक और दीवानी मामलों से जुड़े क्‍या सबूत हैं। कॉर्पोरेट मिनिस्ट्री ने कंपनी से उन सबूतों के बारे में जानकारी मांगी है, जो कंपनी ने अशनीर ग्रोवर के खिलाफ दर्ज कराए आपराधिक मामले में अदालत में जमा किए हैं। बता दें कि यह मामला करीब दो साल से चल रहा है।

नोटिस के बाद भारतपे ने क्या कहा?

फिनटेक कंपनी भारतपे ने एक बयान जारी किया है. कंपनी का कहना है कि रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (RoC) ने लेटर भेजा है जिसमें कुछ अतिरिक्त जानकारियां मांगी गई है. मांगी गई ये जानकारियां चल रही जांच का एक हिस्सा है जो इंटर्नल गवर्नेंस रिव्यू के बाद शुरू हुई थी और जिसे कंपनी ने अपने ऑडिटेड रिजल्ट में सामने लाया था. कंपनी का कहना है कि वह अथॉरिटी के हरसंभव सहयोग कर रही है।

अशनीर और उनकी पत्‍नी के खिलाफ कंपनी के पैसों में हेरफेरी के आरोप

गौरतलब है कि अशनीर ग्रोवर ने ही भारतपे की स्‍थापना की थी। बाद में अशनीर और उनकी पत्‍नी के खिलाफ कंपनी के पैसों में हेरफेर करने के आरोप लगे और उन्‍हें कंपनी के बोर्ड से बाहर कर दिया गया। फिनटेक कंपनी साल 2022 में उस वक्त विवादों में आ गई थी, जब कंपनी के फाउंडर अशनीर ग्रोवर ने कोटक ग्रुप के कर्मचारी के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया था और उसे धमकी दी थी। दरअसल कोटक ग्रुप का कर्मचारी Nykaa कंपनी के आईपीओ के दौरान एलॉटमेंट को सिक्योर नहीं कर सका था। विवाद के बाद अशनीर ग्रोवर ने भारतपे के मैनेजिंग डायरेक्टर के पद से इस्तीफा दे दिया था और कंपनी ने अपने वित्तीय खातों का ऑडिट कराने का फैसला किया था। 

कंपनी को 88.67 करोड़ रुपये के नुकसान का आरोप

ऑडिट के बाद भारतपे ने अशनीर ग्रोवर, उनकी पत्नी और उनके भाई पर धन के दुरुपयोग और धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया था। कंपनी ने दावा किया था कि अशनीर और उनकी पत्नी की वजह से कंपनी को 88.67 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। कंपनी ने नुकसान की भरपाई के लिए मामला दर्ज कराया था। हालांकि अशनीर और अपने और अपनी पत्नी के ऊपर लगे आरोपों को नकार दिया था। कंपनी ने ये भी आरोप लगाया था कि भारतपे टेक्नोलॉजी में अशनीर ग्रोवर का कोई योगदान नहीं है।

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Feb 07 2024, 13:31

इंडिया” गठबंधन को लगने वाला है एक और झटका, बीजेपी के साथ जा सकते हैं जयंत चौधरी, क्या चल रहा है आरएलडी के अंदरखाने?

#jayant_choudhary_rld_can_go_with_bjp

लोकसभा चुनाव में बीजेपी हैट्रिक लगाने की तैयारिय़ों में जुटी हुई है। वहीं, बीजेपी को सत्ता से दूर करने के लिए विपक्षी दलों ने पूरा जोर लगाया है। हालांकि, विपक्षी दलों में तालमेल का अभाव एनडीए घटक के लिए शुभ संकेत दे रही है। ममता बनर्जी और नीतीश कुमार के जोरदार झटके के बाद विपक्षी दलों के “इंडिया” गठबंधन की एक और खुलने वाली है। एंटी-बीजेपी मोर्चे का नया सिरदर्द राष्ट्रीय लोकदल के जयंत चौधरी हो सकते हैं। खबरें आ रही हैं कि जयंत चौधरी बीजेपी के साथ गठबंधन में शामिल हो सकते हैं।

आरएलडी और सपा की दोस्ती टूटने की कगार पर

खबर है कि आरएलडी के मुखिया जयंत चौधरी की बीजेपी से डील हो गई है। इसके बाद वह सपा का साथ छोड़ सकते हैं और एनडीए खेमे में जा सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीजेपी ने जयंत चौधरी को लोकसभा की 4 सीटें ऑफर की हैं। इसके बाद से आरएलडी और सपा की दोस्ती टूटने की चर्चा तेज हो गई है। बीते दिनों ये खबर आ रही थी कि सीट बंटवारे को लेकर सपा और आरलएडी में खींचतान चल रही है।मीडिया में जो खबरें चल रही हैं उसके मुताबिक, भाजपा ने हाथरस, बागपत, मथुरा और अमरोहा की लोकसभा सीट आरएलडी को ऑफर की है। वहीं जयंत चौधरी मुजफ्फरनगर और कैराना में से एक सीट और चाह रहे हैं। 

शीट शेयरिंग को लेकर सपा-आरएलडी में खींचतान

जयंत चौधरी ने 19 जनवरी को उन्होंने अखिलेश यादव के साथ सीटों का समझौता किया था और 2024 के लोकसभा चुनाव में 7 सीटों पर लड़ने को राजी हो गए थे। इनमें बागपत, मुजफ्फरनगर, कैराना, मथुरा और हाथरस तो तय थे लेकिन दो सीटों पर बात नहीं बन पाई थी। मेरठ, बिजनौर, अमरोहा, नगीना और फतेहपुर सीकरी में से कोई दो सीट आरएलडी को दी जानी थी। जानकारी के मुताबिक, इसके अलावा अखिलेश यादव चाहते थे कि मुजफ्फरनगर, कैराना और बिजनौर में आरएलडी के सिंबल पर सपा के उम्मीदवार खड़े हों। इन्हीं सबको लेकर दोनों ही दलों में खींचतान चल रही थी।

 

क्या है जयंत की सियासी मजबूरी?

अब 20 दिन के भीतर ही जयंत चौधरी का मूड बदल गया है।खबर है कि वह एनडीए में जाने के लिए तैयार हैं। खासबात यह है कि कम सीटें पाकर भी वह भाजपा के करीब जाना चाहते हैं।ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि जयंत चौधरी आखिर अखिलेश की सात सीटों की बजाय बीजेपी के चार सीटों के ऑफर पर क्यों उत्सुक हैं। सियासी जानकारों की मानें तो इसकी वजह शायद अखिलेश यादव के साथ मिलकर चुनाव जीतने की गारंटी न होना है। जयंत चौधरी को लग रहा होगा कि राम मंदिर लहर पर सवार बीजेपी को रोकना विपक्ष के लिए मुश्किल होगा, विशेषकर हिंदीभाषी क्षेत्र में। ऐसे में जयंत चौधरी भी मोदी लहर पर सवार होकर लोकसभा में अपने सांसदों की संख्या बढ़ाना चाहते हैं।

इंडिया गठबंधन से ज्यादा बीजेपी के साथ गठबंधन में फायदे की आस

वहीं, खबरें ये भी हैं कि आरएलडी नेताओं ने इंडिया गठबंधन में अपने हिस्से में आई सभी सीटों पर जो सर्वे कराया, उसमें अपने ही प्रत्याशी लड़ाने की बात भी सामने आई थी। जिसके बाद असमंजस की स्थिति है। आरएलडी का कोर वोटबैंक जाट समुदाय है, इस समुदाय का एक तबका बीजेपी के साथ जाने के लिए दवाब बना रहा है, जिसके चलते भी जयंत चौधरी कशमकश में हैं। सूत्रों की माने तो शामली से आरएलडी विधायक प्रसन्न चौधरी बीजेपी के साथ गठबंधन के सबसे बड़े समर्थकों में से एक हैं। उन्हें लगता है कि इंडिया गठबंधन से ज्यादा बीजेपी के साथ गठबंधन करने का सियासी फायदा आरएलडी को मिलेगा।